सात साल की उम्र से लेकर सोलह साल की उम्र तक पुत्री समान पीड़िता से दुष्कर्म करने वाले सौतेले पिता मोहम्मद फरीद खान को पूरी उम्र जेल की सलाखों के पीछे काटनी होगी। शुक्रवार को पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश अरविंद मिश्रा ने उसे उम्रकैद के साथ ही साठ हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है। जुर्माने की 90 प्रतिशत राशि पीडि़ता को दिए जाने का आदेश दिए हैं।अदालत ने अभियुक्त को आजीवन कारावास की सजा के संबंध में स्पष्ट किया है कि उस व्यक्ति के शेष नैसर्गिक जीवन का कारावास होगा। अदालत के समक्ष विशेष अधिवक्ता अभिषेक उपाध्याय एवं सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता नवीन त्रिपाठी का तर्क था कि पूरे प्रकरण की रिपोर्ट स्वयं पीड़िता ने 26 जून 2015 को हुसैनगंज थाने पर दर्ज कराई थी। इसमें उसने कहा है कि जब वह तीन साल की थी तब उसके माता-पिता का तलाक हो गया था। वह भाई के साथ मां के साथ रहने लगी। कुछ समय बाद उसकी मां ने मोहम्मद फरीद खान से शादी कर ली।फरीद खान उसे व उसके भाई को पसंद नहीं करता था। दोनों को मारता था। खाने में नींद की गोलियां देता था। रिपोर्ट में पीडि़ता ने कहा है कि सौतेले पिता ने पीडि़ता का शारीरिक शोषण करना शुरू कर दिया। वह मां को बताती थी तो फरीद खान मां-बेटी दोनों को मारता था। कहा गया है कि जब पीड़िता सात वर्ष की थी तब से उसका सौतेला पिता मां और भाई को नींद की गोली खिलाकर उसके साथ बलात्कार करता था। धमकी देता था कि, किसी को बताया तो फेसबुक पर फोटो अपलोड कर दी जाएगी। 26 जून 2015 को जब दुष्कर्म किया तब उसकी उम्र 16 साल थी। अब फरीद जीवन के अंतिम क्षणों तक जेल में रहेगा।
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